मेंडलीफ
डेमीत्रि इवानोविच मेडेलीफ़ (रूसी ; 8 फ़रवरी 1834 –
2 फ़रवरी 1907), एक रूसी
रसानज्ञ और आविष्कारक थे। उन्होंने तत्वों के आवर्त वर्गीकरण का प्रतिपादन किया।
इस सारणी का प्रयोग कर उन्होंने उन तत्वों के गुणों का भी पता लगाया जिसकी उसने
समय तक खोज नहीं हो सकी थी।
जीवन[संपादित करें]
मेंडलीफ
का जन्म साइबीरिया प्रदेश के टोबोल्स्क नगर में हुआ था। इनके पिता का नाम इवान
पोल्वोविच मेंडलीफ और माता का नाम मारिया दमित्रीयेवना मेंडलीफ था। उनके दादा
पावेल मैक्सीमोविच सोकोलोव, रूस के एक चर्च में पादरी थे। उनकी
आरम्भिक शिक्षा टोबोल्स्क जिमनाजियम (विद्यालय) में हुई। मात्र तेरह वर्ष की उम्र
में उनके पिता गुजर गए और उनकी फैक्ट्री आग में जल गई। संपत्ति नष्ट होने के कारण
उनके परिवार को 1849 में सेंट पीटर्सबर्ग में शरण लेना पड़ा, जहां
मेंडलीफ ने मेन पेडागोगियल इंस्टीट्यूट में प्रवेश लिया। १८५७ ई० में मेंडेलीफ़
पीटर्सबर्ग से स्नातक परीक्षा में उतीर्ण हुए और इन्हें एक स्वर्णपदक मिला। स्नातक
के बाद उन्हें टीबी हो गया, जिसके
कारण वे क्रिमन प्रायद्वीप पर आ गए। फिर, 1857 में
स्वस्थ होकर सेंट पीटर्सबर्ग लौटे। इसके बाद दो वर्ष इन्होंने सिमफरोपोल और फिर
ओडेसा के जिमनाज़ियमों में अध्यापन कार्य किया। १८५९ ई० में इन्होंने मास्टर ऑव्
साइंस की उपाधि के लिये 'विशिष्ट आयतन' विषयक
निबंध लिखा। इसके बाद ये दो वर्ष के लिये एक वैज्ञानिक कमिशन के साथ विदेश यात्रा
के लिये निकले और १८६० ई० में इन्होंने एर्ल्सरूका में होने वाले 'विश्व
रसायन सम्मेलन' में भाग लिया।
Dmitri Mendeleev
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Dmitri Mendeleev in 1897
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Born
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Dmitri Ivanovich
Mendeleev
8 February 1834 Verkhnie Aremzyani, Tobolsk Governorate, Russian Empire |
Died
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2 February 1907 (aged 72)
Saint Petersburg, Russian Empire |
Nationality
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Russian
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Fields
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Chemistry, physics and adjacent fields
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Alma
mater
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Saint
Petersburg University
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Academic advisors
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Gustav
Kirchhoff[1]
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Notable students
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·
Dmitri Petrovich
Konovalov
·
Valery Gemilian
·
Alexander Baykov
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Known for
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Formulating the Periodic table of chemical elements
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Notable awards
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·
Davy Medal (1882)
·
ForMemRS (1892)
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Spouse
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·
Feozva Nikitichna
Leshcheva (1862–1871)
·
Anna Ivanova Popova
(1882)
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यात्रा से लौटने पर इन्हें पीटर्सबर्ग
टेकनोलौजिकल इंस्ट्टियूट में प्रोफेसर का पद मिला और दो वर्ष बाद ये पीटर्सबर्ग
विश्वविद्यालय में रसायन के प्रोफेसर हो गए। यहाँ रहकर इन्होंने २३ वर्ष वैज्ञानिक
कार्य और अध्यापन किया। १८९३ ई० में मेंडेलीफ़ की नियूक्ति 'ब्यूरों
ऑव् वेट्स ऐंड मेज्हर्स' (तौल माप संस्थान) के निदेशक पद पर हो गई। इस
अवधि में भी इन्होंने वैज्ञानिक और साहित्यिक कार्य बराबर किए। १९०७ ई० में
मेंडेलीफ़ की मृत्युन्यूमोनिया रोग में
हो गई।
प्रमुख कार्य
मेंडेलीफ़
का अमर कार्य तत्वों आवर्त नियम और आवर्त सारणी संबंधी है। तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण
परमाणु भारों के आवर्त फलन हैं - यह नियम
लगभग एक ही समय जर्मनी में लोथर मेयर (Lothar Meyer,1830-1895) और रूस
में मेंडेलीफ़ ने प्रतिपादित किया। मेंडेलीफ़ ने तत्वों की जो आवर्त सारणी
प्रस्तुत की, उसमें अब काफी सुधार हो गए हैं, पर यह
सारणी आज तक रसायन विज्ञान का पथ प्रदर्शन कर रही हैं। इस आवर्त सारणी के आधार पर
मेंडेंलीफ़ ने कुछ ऐसे तत्वों के अस्तित्व की घोषणा की थी, जिनका
उसके समय में पता न था और बाद को जब ये तत्व खोज निकाले गए तो इनके गुण वही मिले
जिनकी भविष्यवाणी ने पहले ही कर रखी थी।
मेंडलीफ़
के अन्य गवेषण कार्य ये हैं- आपेक्षिक घनत्व द्वारा विलयनों का अध्ययन, ऐलकोहाल
और पानी का संयोग (डॉक्टर की उपाधि के लिये), विलयन और
साहचर्य (association), विलयनों के संबंध में हाइड्रेट
सिद्धांत, चरम ताप (जिसे उसने ऐब्सोल्यूट क्वथनांक कहा) की कल्पना की।
मेंडलीफ़ ने 'रसायन सिद्धांत' नाम से एक
पुस्तक १९०५ ई० में लिखी, जिसके अनुवाद सभी प्रमुख भाषाओं में किए गए। उसने भूगर्भ
विज्ञान, भूभौतिकी आदि पर भी कार्य किया। इन्होंने अपने देश को
उद्योग तथा रसायन संबंधी अनेक बातों पर अमूल्य सुझाव दिए।
सन 1859 से 1861 के बीच
उन्होंने तरल के केशिकत्व और स्पक्ट्रोस्कोप की कार्यपद्धति पर
कार्य किया। 1861 में उन्होंने स्पक्ट्रोस्कोप पर एक किताब
लिखी जो काफी प्रसिद्ध हुई।
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